वह रोज़ उसकी यादों में खोया रहता था। जब भी आँखें बंद करता, तो सिर्फ उसकी मुस्कान और हँसी उसके सामने आती थी। उसके दिल में सिर्फ उसकी यादों का ही एक अलग ही जहां बसा हुआ था। वो आज भी उसे बहुत याद करता था। उनकी मुलाकात का पहला पल, उनकी हंसी, उनकी बातें, सब कुछ। उनके बिना जीना मुश्किल था, लेकिन वो उनकी यादों के साथ जी रहा था। उस रात, जैसे हर रात, उसने उनकी फोटो को देखा। उसकी आँखों में आंसू थे, मगर उसके दिल में उनके ख़्वाबों की एक आग जली थी। फिर उसने सोचा, क्यों न उसे फिर से देखने के लिए कोशिश की जाए? शायद किस्मत उसके साथ इस बार मेहरबान हो जाए। वह अगले दिन उनकी यादों के साथ अपने क़दमों को सांचें रखता हुआ चला। उसने उनकी यादों को अपने साथ लिए, और उसकी आँखों में एक नई उम्मीद का सफर शुरू हुआ। क्या वह किस्मत से मिल पाएगा? या फिर, उसकी यादें ही रह जाएंगी, उसकी तन्हाई के साथ?
Bohot tute hum bhi bharosa kar k kai baar,
Ab darta hai dil tut k kai baar,
Bharosa ab dubara na tute isliye nahi hota kisi pe bhi bharosa mere yaar,
Chala jaunga jab sab se dur itna tab yaad karna mere wafao ka,
Aankhe tab bas num hogi dil me hongi meri bas yaad.....!!
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